यहां मुस्लिम भी कराते हैं खिचड़ी भोज.....


कानपुर, जाजमऊ में गंगा-जमुनी तहजीब वाले शहर में हिन्दू परिवारों के लोग जहां मुस्लिम बस्तियों में जाकर ईद मनाते हैं वहीं मुस्लिम परिवारों के लोग हिन्दुओं के साथ दीपावली और होली मनाते हैं। परंपराएं, रीति-रिवाज भले ही भिन्न हों लेकिन मकसद सभी का एक है। समरसता को बढ़ावा देने के लिए कानपुर समाज सेवा सिमिति परिवारों के लोग मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज भी कराते हैं।इस परंपरा का अब भी निर्वहन कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अन्न का दान सबसे बड़ा दान है।कई वर्षो से वह मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज कराकर गरीबों की दुआ बटोरते हैं।हिन्दू संस्कृति में मकर संक्रांति पर अन्न दान का विशेष महत्व है। इस दिन विभिन्न संगठनों की ओर से शहर से लेकर गांव तक खिचड़ी भोज और वस्त्र वितरण के कार्यक्रम होते हैं। हिन्दू संगठनों की ओर से तो यह कार्यक्रम बहुतायत में किया जाता है।

 

लेकिन जाजमऊ में कानपुर समाज सेवा के परिवार भी खिचड़ी भोज कराकर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं। अनवार हुसैन अध्यक्ष का नाम इसमें प्रमुख है। यह कोई बहुत बड़े आदमी तो नहीं हैं, लेकिन भूखे को भोजन कराने को अपना फर्ज मानते हैं। वह कहते हैं कि अल्लाह, भगवान सभी एक हैं। हम उन्हीं की संतान हैं। अपनी आस्था के अनुसार उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। धर्म कोई भी भूखे को भरपेट भोजन कराना, किसी गरीब को वस्त्र दान करना नैतिक कर्तव्य है। समाज में फैलते जा रहे जाति-धर्म के जहर से वह आहत हैं। कहते हैं कि अपने स्वार्थ के लिए यह सब किया जा रहा है। हिन्दू-मुस्लिम सदियों से एक दूसरे के तीज-त्योहार में शामिल होते आ रहे हैं। इसी से भारतीय संस्कृति विश्व में सबसे समृद्ध है।इसी तरह कानपुर समाज सेवा सिमिति के महामंत्री मुस्तकीम उर्फ बब्बन कई वर्षो से मकर संक्रांति पर अन्न दान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।  मुस्तकीम उर्फ बब्बन महामंत्री कहते हैं कि अन्न और वस्त्र का दान बहुत सबाब का काम होता है। उनकी संस्था कई वर्षो से गरीबों को अन्न व वस्त्र वितरित करती आ रही है और आगे भी कराती रहेगी।

 

 इस अवसर पर अनवर हुसैन अध्यक्ष मुस्तकीम बब्बन महामंत्री  जफीर सिद्दीकी उपाध्यक्ष जे0पी0शर्मा अमजद अली सरफराज अहमद महफ़ूज अख्तर मो0 मोनुद्दीन साहेबे आलम फ

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