जब मौसम ने अंगड़ाई तब आलू की आफत आई....


 


लखनऊ । मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों की धुकधुकी बढ़ा दी है। गुरुवार रात हुई झमाझम बारिश से आलू के साथ-साथ सरसों की फसल को भी खासा नुकसान पहुंचा है। यह बात और है कि गेहूं की फसल के लिए आसमान से बरसा पानी डीजल से कम नहीं है।


बसंत पंचमी के बाद से मौसम के तेवर नरम पड़ गए थे। दिन भर खिली धूप निकल रही थी, जिससे लोगों को काफी राहत मिल गई थी। गुरुवार को दोपहर बाद मौसम का मिजाज अचानक बदल गया था। बदले मिजाज का नतीजा देर शाम बारिश के रुप में सामने आया। बरसात ने किसानों की धुकधुकी बढ़ा दी। दरअसल इन दिनों अधिकतर खेतों में आलू की फसल तैयार होने के कगार पर है तो साथ ही सरसों की फसल भी तैयार खड़ी है। बेमौसम की बरसात इन दोनों ही फसलों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं। उपकृषि निदेशक वीके त्रिपाठी की मानें तो बरसात के कारण आलू की फसल के सड़ने की संभावना है। इसके साथ ही सरसों में बरसात के कारण दाने जम जाने की समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में यही है कि आलू की फसल के पकने का इंतजार न करें और आलू की खुदाई कर लें। उनका कहना है कि आलू का छिलका काफी नरम होता है और जल्द ही सड़ जाता है। मटर की फसल के लिए भी बरसात नुकसानदायक है। इस सबसे इतर गेहूं की फसल के लिए आसमान से पानी नहीं बल्कि डीजल की बारिश हुई है। उपकृषि निदेशक कहते हैं कि जिले में तीन लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल से अधिक में गेहूं की फसल है और इस समय फसल को दूसरी सिंचाई की आवश्यकता थी। ऐसे में किसानों की काफी बचत हो गई है। फिलहाल बेमौसम की बरसात कहीं किसानों के लिए खुशी लेकर आई है तो कई जगहों पर यह गम भी बनी है।


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