डीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ.....


कानपुर नगर। डी.जी.पी.जी. गर्ल्स कॉलेज कानपुर के रसायन विभाग द्वारा दो दिवसीय उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय रिसेंट एडवांसड टेक्निकस  इन एनालिटिकल केमिस्ट्री का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र मोहन डायरेक्टर एन.एस.आई. कानपुर ,डॉ.एन बी सिंह कुलपति एचबीटीयू ,कानपुर, विशिष्ट अतिथि कुमकुम स्वरूप ,वरिष्ठ सदस्या दयानंद शिक्षण संस्थान, मुख्य वक्ता प्रोफेसर विजय कुमार अग्रवाल ए पी एस विश्वविद्यालय रीवा ,अतिथि वक्ता डॉक्टर एस मोहन वैज्ञानिक एनएसआई कानपुर, प्राचार्य डॉ साधना सिंह, कार्यक्रम की संयोजिका डॉ रचना प्रकाश श्रीवास्तव एवं अन्य सम्मानित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती पूजन डॉ शशि अग्रवाल एवं छात्राओं द्वारा संपन्न हुआ। प्राचार्य डॉ साधना सिंह ने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं पौधों के द्वारा किया और जानकारी दी।  कहा कि रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे कि खगोल विज्ञान भौतिकी पदार्थ विज्ञान जीव विज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकी के माध्यम से फलों में व्याप्त शर्करा की प्रतिशत मात्रा कैसे आसानी से ज्ञात हो जाती है, इस बात की जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि कुमकुम स्वरूप ने अवगत कराया कि राष्ट्र के विकास के लिए टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभाती है। इसका उपयोग मेडिकल में फॉरेंसिक लैब में ,पर्यावरण आदि क्षेत्रों में हो रहा है। पहले बीमारियों की सही जानकारी नहीं हो पाती थी पर अब एम आर आई. जैसे तकनीकी माध्यम से मिनटों में हो जाती है और इलाज संभव हो पाता है।


प्रोफेसर विजय कुमार अग्रवाल ने थूक के माध्यम से कैसे बीमारी जाने अवगत कराया। डॉक्टर एस मोहन ने एन एमआर से ड्रग डिजाइनिंग कैसे हो सकती है की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आए वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार कनौजिया ने नई तकनीकी से कैसे प्रदूषण को नियंत्रण किया जा सकता है और पानी को कैसे रिसाइकल करके फिर से उपयोग में लाया जा सकता है अवगत कराया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न प्रांतों से आए वैज्ञानिक, शोध छात्रों एवं प्राध्यापक गण सम्मिलित हुए और भविष्य में चुनौतियों को कैसे दूर कर सकते हैं, पर चर्चा परिचर्चा करी। मंच संचालन डॉ अलका श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अर्चना दीक्षित द्वारा संपन्न हुआ। संगोष्ठी को सफल बनाने में विभाग की डॉ प्रियदर्शनी ,डॉसोनिया रानी, कुलानुशासक डॉ अर्चना वर्मा, जीव विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ अंजली श्रीवास्तव, वनस्पति  विज्ञान विभाग की डॉ अर्चना श्रीवास्तव, डॉ वंदना निगम डॉ ज्योति जादौन एवं विज्ञान संकाय की समस्त प्राध्यापिकाओ का सक्रिय सहयोग रहा।


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