दहेज के लिये ससुराल वालो ने की बहू की हत्या, दिया एक्सीडेंट का रूप।


 

 

शरद शर्मा संवाददाता

 

●हत्या के कुछ दिन पहले कराया 30 लाख का इंश्योरेंस

 

●चाचा ने बताया कि कुछ दिन पहले ही भतीजी का 30 लाख का इंश्योरेंस ससुराल वालों के द्वारा कराया गया था।

 

 

कानपुर। जिले के बिठूर थाना अंतर्गत क्षेत्र में एक बार फिर दहेज हत्या का दिल दहला देने का मामला सामने आया है जहाँ एक पति ने अपनी पत्नी को बड़ी साजिश के तहत इंश्योरेंस का 30 लाख रुपये हड़पने के लिये उसकी हत्या कर दी और उसे बड़ी आसानी से एक्सीडेंट का रूप दे दिया। हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने भी इस घटना को एक्सीडेंट मान लिया। जहा पीड़ित की एफआईआर तो दर्ज की पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ और सिर्फ जांच चल रही है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस की ये जांच कब तक पूरी होती है। पुलिस की इस लचर व्यवस्था को देखते हुए दहेज हत्या के आरोपियों के हौसले होते बुलंद।

 


 

बिठूर थाना अंतर्गत क्षेत्र के रामनगर निवासी बलराम पुत्र चन्द्र प्रकाश तिवारी से 28 नवम्बर 2012 को ओरैया निवासी गिरजाशंकर की पुत्री अनुराधा से हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ विवाह हुआ था। 

 

अनुराधा के पिता द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह मे 10 लाख रू0 खर्च किये थे। किन्तु पिता द्वारा दिये गये उपहार स्वरूप दहेज से ससुरारीजन संतुष्ट नहीं थे जिस कारण मेरी पुत्री अनुराधा शादी के बाद बिदा होने पर उसके ससुरारीजन बलराम ससुर चन्द्रप्रकाश तिवारी व सास पत्नी चन्द्रप्रकाश तिवारी, ननद श्वेता एवं बड़ी ननद शिखा तिवारी द्वारा पुत्री अनुराधा से 2 लाख रूपये की अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे और दबाव बनाने लगे कि अपने पिता से 2 लाख रूपये और ले आओ पुत्री द्वारा पिता के घर आने पर उसने अपने माता पिता , चाचा चाची व भाई को व अन्य व्यक्तियों को ससुरारीजनों के अतिरिक्त मांग के सम्बन्ध में बताया और यह भी बताया की अगर रूपये नहीं दिये तो अनुराधा की जिन्दगी खतरे में होगी पिता अपने भाईयों के साथ पुत्री अनुराधा के ससुराल पहुच कर ससुरारीजनों को बताया उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है प्लाटों को बेचकर शादी की है। पर दहेज लोभी पुत्री की दुरागमन से लेकर शारीरिक व मानसिक यातनायें देने में कोई कसर नहीं छोड़ी पिता को जब उसके बड़े दामाद द्वारा सूचना मिली कि उसकी पुत्री को असहनीय यातनायें दी जा रही है। तब पिता अपनी पुत्री को घर ले आकर लगभग 4 साल रखा जिसमें अनुराधा ने अपनी माँ के घर रहने के दौरान राज्य महिला आयोग को भी उसके साथ किये जा रहे क्रूर व्यवहार को बया किया। पर नाटकीय तरीके से ससुरारीजन झूठे अश्वासन देकर पिता गिरजाशंकर को विश्वास दिलाकर अनुराधा को अपने घर रामनगर ले गये। घर जाने के उपरान्त अनुराधा के साथ शारीरिक व मानसिक यातनायें देना फिर शुरू कर दी लगभग दो माह पूर्व पिता ने सोचा कि दहेज लोभी ससुरारीजन 50 हजार रूपये की एफ० डी० करने पर शायद उनके दिल दिमाग में परिवर्तन हो जायेगा। अगस्त 2019 के द्वितीय सप्ताह में पिता के पास अनुराधा का फोन आया कि उसका जीवन संकट में है। इसपर पिता ने अपने पुत्र कृष्ण चन्द्र को अनुराधा की ससुराल भेजा। भाई द्वारा अनुराधा को ले जाने की भरपूर कोशिश की किन्तु ससुरारीजनों द्वारा कहा गया कि जब तक शेष 1,50 लाख रूपये मेरे घर नहीं दे जाओगे तब तक तुम्हारी बहन को नहीं भेजूगाँ। वही 26 अगस्त 2019 को लगभग 11 बजे रात्रि में ससुराल से अनुराधा के मोबाइल से अनुराधा की मां को मोबाइल पर फोन आया कि उसकी पुत्री की मृत्यु हो चुकी है। 


 

पिता गिरजाशंकर के अनुसार ससुरारीजन से लेकर पति द्वारा किये गये शादी से लेकर अब तक कर आचरण व अमानवीय व्यवहार से शक है कि अनुराधा को योजनाबद्ध तरीके से किसी अज्ञात वाहन की ओर ढकेल कर उसकी हत्या करवा दी क्योंकि जिस मोटरसाईकिल से दुर्घटना बतायी जाती है। उस मो0 साईकिल में कोई खरोच व टूटफूट नहीं हुई है। सिर्फ और सिर्फ दहेज के लिए पुत्री अनुराधा को ससुराल वालों के द्वारा हत्या कर एक्सीडेंट का रूप दे कर गुमराह किया जा रहा है।

 


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