12 सूत्री मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के लेखपाल संघ ने, किया धरना प्रदर्शन...

 



 


गगन सिंह चौहान

 

कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की वेतन, भत्ते, प्रमोशन, ए० सी० पी० व पेशन विसंगति सेवा नियमावली एवं तहसील में आधारभूत सुविधाएं व संसाधन सम्बन्धी व अन्य मांगे वर्षों से लंबित होने के कारण 21 सितम्बर 2010 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लिये गये निर्णय पर कियान्वयन न होने के बाद पुनः उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री से 12 अप्रैल 2017 को हुई मुलाकात के बावजूद कोई प्रगति  न होने के कारण विवश होकर उ०प्र० लेखपाल संघ द्वारा अपनी जायज मांगो के सम्बन्ध में माह जुलाई 2018 में प्रदेश स्तरीय आन्दोलन किया गया था। जिसमे लेखपाल संघ की मांगों के सम्बन्ध मुख्य सचिव की बैठक में दिनॉक 4 व 16 जुलाई 2018 में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विचारोपरान्त निर्णय लेते हुये एक माह में कार्यवाही / शासनादेश निर्गत करने के निर्देश दिये गये थे। तत्पश्चात 02 माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण सभी कार्यवाही लंबित हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 25 अक्टूबर 2018 को समीक्षा तक में तत्काल कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित समस्त विभाग के अधिकारियों को दिये गये थे किन्तु मु0 के द्वारा बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद विभागीय अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। और आज तक सभी मांगे लंबित होने के साथ ही जनपद अलीगढ, शाहजहांपुर, रामपुर आदि जनपद मे जिलाधिकारियों द्वारा लेखपालों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इससे लेखपालों में शासन के प्रति अविश्वास एवं असंतोष उत्पन्न हो रहा है। उ०प्र० लेखपाल संघ की 12 सूत्रीय प्रमुख मांगे जिन पर कार्यवाही / शासनादेश लंबित है।

 


 

लंबित मांगे निम्नलिखित हैं।

 

(1) ए0 सी0 पी0 विसंगति (2) वेतन उच्चीकरण (3)प्रोन्नति - कैडर रिव्य (4) पेंशन विसंगति (5) भत्तों में वृद्धि (6) ई. डिस्ट्रिक योजना के तरह प्रति आवेदन 5 रुपये उपलब्ध कराना (7) राजस्व लेखपाल का पदनाम परिवर्तन (8) राजस्व उपनिरीक्षक सेवा नियमावली 2018 को प्रख्यापित किया जाना (9) लैपटॉप व स्मार्टफोन हेतु डाटा चार्ज (10)राजस्व टास्क फोर्स का गठन (11) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का मानदेय (12) आधारभूत सुविधायें एवं संसाधन उपलब्ध कराना। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से: श्री नारायण दुबे, प्रदीप गौर, सुरेश चंद यादव, सुरेंद्र सिंह राजावत, राकेश मिश्रा, राघवेंद्र सिंह यादव, शीला शुक्ला, मिलन द्विवेदी, रविंद्र कुमार शुक्ला, विकास आदि लोग उपस्थित रहे।

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