कोयलानगर के कबाड़ माफियाओ की शिकायत पहुंची डीएम के पास.....

         


सूरज सिंह तोमर (वरिष्ठ पत्रकार)



■रिहायसी इलाको में बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध कबाड़ का कार्य।


■कबाड़ गोदामो और फैक्ट्रियों से निकला कचरा बना जनता के लिए मुसीबत।


■बड़े पैमाने पर प्लास्टिक की होती है थ्रेसिंग ।हवा में प्लास्टिक के कण बने जटिल समस्या।


■हाईवे से लेकर अंदर की मुख्य सड़कों और गलियों में इनके वाहनों का रहता है अतिक्रमण।



■पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से फल फूल रहा अवैध कारोबार।


कानपुर नगर सम्वाद(27जनवरी)।चकेरी थाना क्षेत्र के कोयला नगर और इसके आसपास के दो दर्जन से ज्यादा रिहायसी मोहल्लों में चल रही अवैध कबाड़ की फैक्ट्रियों और गोदामो से त्रस्त इस इलाके की जनता आज जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंच गई।हिन्दू समन्यवय समिति की अगुवाई में क्षेत्रीय लोगो ने आज जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी सममस्याओ के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा।
हिन्दू समन्यवय समिती के जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह ने बताया कि लंबे समय से चकेरी थाना क्षेत्र का ये इलाका कबाड़ माफियाओ की अराजकता और रिहायसी इलाक़े में चल रहे इस काले कारोबार की वजह से पीड़ित है।लोग नगर निगम या स्थानीय पुलिस से शिकायत भी करते तो कभी कोई कार्यवाही इन माफियाओ के खिलाफ नही होती इसी से आजिज आकर आज ई लोगो को जिलाधिकारी की चौखट तक आना पड़ा।ज्ञापन में जिन समस्याओं का जिक्र किया गया उनमें ये की कोयला नगर और आसपास की लगभग 3लाख की आबादी इस कबाड़ के काले कारोबार से त्रस्त है और चूंकि ये सब रिहायसी इलाके है तो यहां इस प्रकार के क्रिया कलाप होने भी नही चाहिए।नियमतः ऐसे कारोबार जिसकी वजह से प्रदूषण और गंदगी के साथ भयानक बीमारियों का खतरा हो साथ ही इनकी वजह से रिहायसी इलाको में आग लगने का बड़ा खतरा हो इन्हें केवल औद्योगिक इलाको में संचालित किया जाना चाहिए।वृजराज ने ये भी कहा कि इन गोदामो और इनमे आने वाले भारी वाहनों की वजह से क्षेत्र में यातायात की बड़ी समस्या है जिस पर भी जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।हाईवे के दोनों तरफ एक एक लेन इन कबाड़ियों के वाहनों के कब्जे में रहती है जिसकी वजह से आए दिन जाम और दुर्घटनाए होती रहती है।कमोबेश यही हाल अंदर की सड़को का भी है।पुलिस चौकी से स्वर्णजयंती विहार जो कि केडीए द्वारा विकसित रिहायसी कालोनी है की मुख्य सड़क पर भी कबाड़ के वाहनों की वजह से आमजन का चलना फिरना दूभर हो गया है।कबाड़ गोदामो की वजह से क्षेत्र में तमाम धर्मकांटे भी हो गए है जिनके पास अपनी खुद की पार्किंग न होने से यहाँ आने वाले वाहन भी रोड पर ही आगे पीछे करते है।अभी कुछ महीनों पहले ही पॉपुलर धर्म कांटे पर एक ट्रक ने बैक करते समय एक इंटर की छात्रा को कुचल दिया था जिसकी मौत के बाद मौके पर भारी हंगामा हुआ था।तब आक्रोशित क्षेत्रीय जनता ने एक घण्टे से ज्यादा तक हाईवे और मुख्य सड़कों को जाम रखा था।उस समय प्रशासन और पुलिस ने जनाक्रोश को दबाने के लिए पॉपुलर धर्म कांटे के सामने सड़क पर पांच गार्डर भी लगवा दिए थे ताकि रिहायसी इलाके में भारी वाहन न जा सके लेकिन कबाड़ माफियाओ के आगे सब बौने साबित हुए और प्रशासन द्वारा लगवाए गए गार्डरों में से दो हटवा दिए गए और फिर से वाहनों की अराजकता चालू हो गयी।प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी और विद्युत विभाग के कर्मचारी भी कबाड़ माफियाओ के जेब मे है तभी तो पराली जलाने पर किसानों को जेल भेजने वाला प्रदूषण नियंत्रण प्लास्टिक जलाने और थ्रेश करने पर भी इन कबाड़ियों पर मेहरबान है।यही हाल बिजली विभाग का भी है ,आम आदमी को जहाँ घरेलू बिजली के कनेक्सन के लिए दुनिया के कागजात और घर मे वायरिंग वगैरह दिखाना पड़ता है वही कबाड़ फैक्ट्रियों में 20-20 हॉर्स पॉवर की थ्रेसिंग मशीनें किराए के खाली प्लॉट में बिना किसी कागजात और मानकों के चल रही है।घरेलू लाइनों से ही गोदामो और फैक्ट्रियों को बिजली दे दी गयी है।जबकि हर फैक्ट्री का अपना अलग ट्रांसफार्मर होना चाहिए।अब देखना होगा की आखिर जिला अधिकारी लाखो की जनता की फरियाद पर ध्यान देते है या एक बार फिर कबाड़ माफियाओ का रसूख और इनकी सेटिंग जनता के आंसुओं पर भारी पड़ जाएगी।


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