उदयपुर में प्राइवेट बस वालों की मनमानी, यात्रियों को परेशानी।


सैमसन मसीह
उदयपुर। उदयपुर से अन्य जिलों को जाने वाली प्राइवेट बसों के ड्राइवर व कंडक्टर की मनमानी जोरों पर है, जिसके चलते इन बसों से यात्रा कर रही सवारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। और तो और यदि कोई त्यौहार या अवकाश पड़ जाने पर सरकारी बसों के साथ-साथ प्राइवेट बसों में भी लोगों की भारी भीड़ हो जाती है, और इसका भरपूर फायदा यह प्राइवेट बस वाले उठाने लगते हैं तथा मन माने तौर तरीके अपनाकर यात्रियों को ठूंस ठूंस कर बसों में भरते हैं। और तो और बुकिंग कराने पर टिकट पर सीट नंं० होने के बावजूद बस आने पर उनमें सीट नंबर ही नहीं होते। हद तो तब हो जाती है कि गैलरी टिकट के नाम पर सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह बस के फर्श पर ठूंस ठूंस कर भरा जाता है।



इससे अन्य यात्रियों को चढ़ने उतरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। और तो और यदि इसमें नीचे बैठी किसी सवारी का हाथ पैर दब जाता है तो झगड़े की नौबत तक आ जाती है। ये हाल है इनकी अंधेरगर्दी का। यही हाल लगभग हर प्राईवेट बसों का है। परिवहन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता या लापरवाही के चलते इनके हौसले बुलंदियों पर हैं। आर टी ओ को इसको संज्ञान मे लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिये। वरना आम यात्रियों का इसी तरह से शोषण व उत्पीड़न होता रहेगा।


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