कानपुर प्राणि उद्यान का,एक था टाइगर....


शरद शर्मा संवाददाता


कानपुर। मंगलवार सायं कानपुर प्राणि उद्यान में वृद्ध बाघ अभय की मौत हो गयी। प्रिय बाघ अभय की मौत की खबर मिलते ही पूरे प्राणी उद्यान में मायूसी छा गई। 



अभय का जन्म 28 मार्च 2004 को जूनागढ़ (गुजरात) में हुआ था, और वह शक्करबाग जू जूनागढ़ से 02 जनवरी 2010 को कानपुर प्राणि उद्यान लाया गया था। 11 मई 2019 वृद्धावस्था के कारण उचित देखभाल के लिये पशुचिकित्सालय भेजा गया था। जिसकी पशुचिकित्साधिकारियों व स्टाफ द्वारा देख रेख की जा रही थी, परन्तु वही अभय की उम्र का प्रभाव इसके शरीर पर पड़ रहा था । अभय के दॉत घिसे होने के कारण ठीक से भोजन ना करते हुए मात्र एक और दूसरें दिन तीन किलो मॉस खाया। जिसके उपरान्त चिकित्सकों ने अभय का आवश्यक उपचार किया गया, परन्तु इसके चाल में लड़खड़ाहट के साथ मूवमेन्ट में कमी के कारण। वही 13, 14 अक्टूबर को उठने में अभय को तकलीफ व अन्य समस्याएं उत्पन्न हो गयी थी और इसने दो किलोग्राम मॉस भी खा लिया था। व पुनः 15 अक्टूबर को प्रातः देखा गया कि रात्रि में रखे गये लगभग चार किलोग्राम माँस को अभय ने खा लिया था लेकिन वह उठ नहीं पा रहा था। पशुचिकित्साधिकारी डॉ0 आर. के. सिंह ने बताया कि उसकी आँख में मोतियाबिन्द हो रहा था। जिसके चलते 15 अक्टूबर को वयजनित कारणों से सांय 05:10 पर अभय ने अन्तिम सांस ली। कानपुर प्राणि उद्यान के निदेशक सुनील चौधरी एवं सहायक वन संरक्षक अरविन्द कुमार सिंह एवं अन्य समस्त अधिकारी / कर्मचारी अपने इस प्रिय बाघ की मृत्यु पर शोक सन्तप्त दिखे और उन्होने अभय को श्रद्धांजली अर्पित की। डा0 आर0 के0 सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया की आई0 वी0 आर0 आई0, इज्जत नगर, बरेली के विशेषज्ञ व वन्य जीव चिकित्सकों द्वारा अभय अन्तिम परीक्षण किया गया, वही 16 अक्टूबर को मृत नर बाघ अभय का शव विच्छेदन किया गया। विचछेदन में बाघ की मृत्यु का मुख्य कारण वृद्धावस्था पाया गया।
विस्तृत जांच के लिये सैम्पल IVRI टीम अपने साथ ले गई। शव विच्छेदन डॉ0 ए0 एम0 पावड़े, IVRI डॉ0 ऋचा राठोर, डॉ0 यू0 सी0 श्रीवास्तव, डॉ0 आर0 के0 सिंह के पैनल द्वारा निदेशक प्राणी उद्यान सुनील चौधरी, क्यूरेटर ऐ0 के0 सिंह, विनीता सिंह, ऐ0 सी0 एफ0 व आई0 पी0 यादव बायोलॉजिस्ट व डॉ0 आर0 के0 द्विवेदी की उपस्थिति में किया गया।


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