कानपुर ज़ू ने मनाया वन्य जीव सप्ताह...


राघवेन्द्र चौहान 
कानपुर। प्राणि उद्यान का प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वन्य जीव सप्ताह मनाया गया। कानुपर तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को आमंत्रित किया गया। जिसमे हजारों बच्चे ने प्रतिभाग कर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर वन्य प्राणियों के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित कर, हर वर्ष की भाति कुछ नई प्रतियोगिताएं सम्मिलित की गई। जैसे कि कानपुर प्राणि उद्यान के लिए मैस्कॉट पेटिंग, क्ले माडलिंग बैस्ट आउट आफ वेस्ट आदि। प्राणी उद्यान निदेशक द्वारा जानकारी देते हुए बताया की वन्य जीव सप्ताह में बच्चों का प्रवेश निशुल्क रहेगा। प्राणि उद्यान का अतिरिक्त उच्चिकरण कर दर्शकों के लिये कई कार्य / सुविधाएं शीघ्र ही की जायेगी। जिसमे 2020 तक एक जोडी जेब्रा (एक नर एक मादा) प्राणि उद्यान लाया जाना, प्राणि उद्यान के एनिमल कलेक्शन प्लान में 113 भारतीय वन्य जीव एवं 20 विदेशी वन्य जीव के लिये कलैक्शन प्लान को संशोधित कर सेन्ट्रल जू अर्थारिटी को पत्र भेजा जा चुका है, जिसमे 18 नये वन्य जीवों को जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है।



प्राणि उद्यान द्वारा प्रवेश शुल्क जो अभी तक मुख्य द्वार प्रवेश शुल्क व्यस्क (12 वर्ष से अधिक) 30 - 00 रू0 था जो अब 50 - 00 रू0 (2) मुख्य द्वार प्रवेश शुल्क अल्प व्यस्क (05 वर्ष से 12 वर्ष)  15 - 00 रू0 था जो अब 25:00 रू0 की बढ़ोतरी के लिए मांग की गई। जो अभी तक 27-05-2015 से दरें यथावत थी। शासन की मंशा के अनुसार विद्युत के स्थान पर सौर उर्जा के प्रयोग हेतु दो सोलर पम्प को प्राणि उद्यान के विद्युत खर्चो मे कमी के लिए सोलर पैनल के माध्यम से सौर उर्जा उत्पादन हेतु प्राणि उद्यान को 5 भागों में बाँट कर सोलर सेन्टर बनाकर भविष्य में सौर उर्जा के प्रयोग के लिये सर्वे का कार्य पूरा कर जनसुविधाओं में वृद्धि के लिये तीन ई - रिक्शा क्रय करने का भी प्रस्ताव है, जिससे दर्शकों को प्राणि उद्यान भ्रमण में सुविधा होगी। (वर्तमान में 3 नये 6 पुराने गोल्फ कार्ट हैं), वर्तमान की बेट्रियों वर्ष 2014 की थी जो खराब हो चुकी है। जिसके लिये  बाल ट्रेन की व्यवस्था उत्तम करने के लिये 55 बैट्रियों को क्रय करना भी प्रस्तावित है।, उद्यान में 76 सी0सी0टी0वी0 कैमरो में 36 कैमरा को ठीक कराया गया।


वन्य जीव रेस्क्यू आदि विभिन्न कार्यों के लिए समस्त सुविधाओं युक्त एक वाहन की खरीदने के साथ ही रेस्क्यू कर लाये गये वन्य जीवों (विशेषतया तेन्दुएँ , बाघ आदि के शावक) के उचित देख भाल के लिये नियोनेटल सेन्टर का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसका निर्माण भविष्य में प्रस्तावित है।


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