मुंबई में फिर आफत की बारिश, 26 जुलाई 2005 याद कर सहमे लोग, हाई अलर्ट जारी
मुंबई [जागरण स्पेशल]। मानसून के लिए देशवासियों को इस बार कुछ ज्यादा इंतजार करना पड़ा। हालांकि, मानसून देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आया। इतना दुरुस्त कि 15 दिन की देरी से महाराष्ट्र में एंट्री करने वाला मानसून मायानगरी मुंबई में राहत की जगह आफत बन गया है। ऐसे में लोग 2005 की बारिश को याद कर सहम गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।
महाराष्ट्र के पालघर समेत मुंबई के ज्यादातर इलाकों में शुक्रवार सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। सुबह से हो रही तेज बारिश की वजह से मुंबई समेत महाराष्ट्र के निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो चुका है। जलभराव की वजह से मुंबई के बहुत से इलाकों में यातायात लगभग थम चुका है। बाकी जगहों पर भी यातायात रेंग रहा है। बहुत से निचले इलाकों में सड़कें लबालब हो चुकी हैं और लोगों के घरों में भी पानी घुसने लगा है। भीषण बारिश की वजह से एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम हो गई है, जिससे उड़ानों पर भी असर पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार महाराष्ट्र के लोगों को फिलहाल बारिश से राहत नहीं मिल रही है। मौसम विभाग ने अगले चार घंटे तक मुंबई में इसी तरह तेज बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद भी मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में अगले 48 घंटों में और तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की चेतावनी के साथ ही BMC ने भी लोगों को सावधानी बरतने को कहा है। बीएमसी द्वारा जारी चेतावनी में लोगों से अपील की गई है कि किसी अनहोनी से बचने के लिए मैनहोल न खोलें। अगर कहीं मैनहोल खुला है तो तुरंत उसकी सूचना दें। साथ ही लोगों से घर से बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतने को कहा गया है।
2005 में हुई थी जानलेवा बारिश
मालूम हो कि वर्ष 2005 में मुंबईवासियों को जानलेवा बारिश का सामना करना पड़ा था। 2005 में हुई बारिश की वजह से मुंबई समेत महाराष्ट्र के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। अंदरूनी सड़कों से लेकर राजमार्गों तक पर कई फिट पानी जमा हो गया था। भीषण बारिश की वजह कई दिनों तक यातायात प्रभावित रहा था। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे और लोग कई दिनों तक अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे। हजारों की संख्या में घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों, कंपनियों और सब स्टेशन में पानी भरने से लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।